Ek Parichay
प्रत्येक व्यक्ति महान बनना चाहता है परन्तु उसके साथ वह यह भी सोचने लगता है मैं महान् नहीं बन सकता। फलतः वह अपना लक्ष्य ही निर्घारित नहीं कर पाता। बड़ा बनने के लिए महान लक्ष्य निर्धारित करने के विषय में वह सशंक्ति होता है और उद्देश्यहीन मनुष्य बनकर रह जाता है। जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने के पूर्व सर्वप्रथम अपने को भी पूरी तरह सही-सही आंकना अनिवार्य है। अपनी शक्तियों (शारीरिक, मानसिक, नैतिक, आध्यात्मिक, कलात्मक एवं संवेदनात्मक) को जान लेने के उपरान्त जीवन में नित्य प्रायः घटने वाली घटनाओं तथा परिस्थितियों के आधार पर उनका मूल्यांकन तटस्थ होकर करें व अपनी दुर्बलताओं पर दृष्टि रखें, ऐसा करने पर ही जीवन के लक्ष्य का निर्धारण सहज भाव से कर सकेंगे।
जो छात्र/छात्रायें अपनेे जीवन का उन्नत, सार्थक एवं विकसित करना चाहते हैं, उनको निम्नलिखित संकल्प लिखकर अपने सामने रखने चाहिए- मैं पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ जीना चाहता/चाहती हॅंू ताकि मेरे जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन हो। मैं अपनी सम्पूर्ण शक्ति, सामथ्र्य एवं क्षमता इस उद्देश्य की पूर्ति में लगा दूॅंगा/दॅूंगी। जीवन मेरे लिए मात्र एक मोमबत्ती न होकर प्रकाशवान मशाल है। मैं चाहता/चाहती हॅूं िकवह मशाल सदैव प्रज्जवलित एवं प्रकाशवान रहे। मेरा जीवन सुशीलता की और स्वमेव ढलक जाएगा, तब में समझूॅंगा/समझूॅंगी कि मैं स्वार्थ के संकुचित वायुमण्डल से उपर उठ गया/गई हॅूं और मेरा नवीनीकरण हो रहा है।
विगत कई वर्षों से इस क्षेत्र के गांवों और छोटे कस्बों से उच्च शिक्षा के लिए भटक रहे हजारों छात्र/छात्राओं द्वारा एक और महाविद्यालय की माॅंग उठाई जा रही थी इस बात को ध्यान में रखते हुए श्री देव विद्यापीठ महिला महाविद्यालय का शुभारम्भ किया गया है। महाविद्यालय में इस समय प्रमुख विषय के रुप में कला संकाय व बी.एससी., गृहविज्ञान के साथ-साथ खेल, कम्प्यूटर आदि का लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा।