Shubhkamna Sandesh
प्रेमशंकर गंगवार
प्रबंधक
श्री देव विद्यापीठ महिला महाविद्यालय
संस्कृत साहित्य में लोक व्यवहार का जो जीवन सूत्र दिया है उसमें विद्या को कल्पतरु के समान बताया गया है। कल्पवृक्ष की एक विशेषता होती है यह सर्वदा विकसित होता रहता है। साथ ही सभी मनोकामना को पूर्ण करने वाला है।
श्री देवदत्त मैमोरियल ट्स्ट द्वारा संचालित इस महाविद्यालय की स्थापना इसी उद्देश्य को लेकर की गयी है। अपनी शैशव-काल से ही आपके अभूतपूर्व सहयोग एवं दिशा निर्देशन में महाविद्यालय कल्पतरु की तरह विकसित होगा साथ ही महाविद्यालय में विद्यार्थियों के बहुआयामी ज्ञान विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करेगा। ऐसा मेरा विश्वास है।
विद्यार्थी समय के सापेक्ष ज्ञान की दिशा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा को कल्पतरु की भाॅंति विकसित होने में मथा जीवन-पर्यन्त वे पठन-पाठन में अपनी अभिारुचि को पल्लवित होने दें, ऐसा वातावरण बनाना ही इस महाविद्यालय का अभीष्ट है।
आपके मंगलमय भविष्य के लिए मेरी शुभकामनायें